Tuesday, August 23, 2011

ना जाने उप्पेर वाले के मन में क्या आई, जो ये उसने ये हसीनाए बनाई,


जैसे ही मैंने सुना है farewell है होने वाली,
सोचा क्यूँ ना कुछ कहा जाए फिर से,
पर मैं घबरा गया कुछ सोचकर ,
मुझे 5 sep की याद आई,
सोचा सचिन जैन अब स्तागे पर गए तो होगी पिटाई ,
सेंदालो के साथ साथ लात घूंसों से भी होगी धुनाई,
फिर भी मैंने अपने दिल को कुछ हिम्मत बंधाई,
और कुछ लिखने के लिए हमने कलम उठाई,
सोचा अब तक जो लिखा उस पर मिली है गालिया,
चलो कुछ ऐसा लिखते है, शायद मिल जाए कुछ तालियाँ,

सोचते सोचते ख्याल आया,

ना जाने उप्पेर वाले के मन में क्या आई,
जो ये उसने ये हसीनाए बनाई,
ना सोचा उसने यारों इन फिजाओं का,
जो ये खूबसूरत बलाए बना डाली,
ना रहम आया यारो देखो उस्सको इन घटाओं पर,
जो उस्सने ये काली झुल्फे बना डाली,

ना सोचा यारों उस्सने इन फूलो के बारे में,
जो उसने गुलाब से सुन्दर चेहरे बना डाले,
ना आया याद उस्सको यारों चाचाहना चिड़ियों का,
जो उस्सने इनकी मुस्कराहट बना डाली,
ना ही रहम आया उसको इन जवान कलियों पर,
जो उस्सने मार डाले ऐसी कातिल अदाएं बना डाली,
जमी पर था सबसे गहरा समुन्द्र लेकिन मेरे यारो ,
उस्सने समुद्र से गहरी इनकी आँखे बना डाली,
जहाँ में मशहूर थी नजाकत फूल कलियों की,
यहाँ भी उसने होठो में अजब नजाकत दिखलाई,
महकती थी ये हवा कभी मदमस्त होकर,
पर अब जहाँ ये आँचल फैलाएं वही पर खुशबु फैला दे,
चाँद को भी दाग देकर दिया धोखा,
जो जमीं पर चाँद से भी खोबसूरत चेहरे बना डाले,
ना फरक पड़ता था पत्थरों को सूरज की गर्मी से,
पर इनकी आग ने बहुत से पत्थर दिल पिघला डाले,
लगता है बनने को धरती स्वर्ग से सुन्दर,
उसने ये फूल कलियों, फिजाओं से भी सुंदर हसिनाए बना डाली,
ना जाने उप्पेर वाले के मन में क्या आई,
जो ये उसने ये हसीनाए बनाई,

घटाओं से निकलती थी बिजली कभी कभी मेर यारों,
ये जिसको नजर भर देख ले वोही पे बिजली गिर जाए,
कहते है किस्मत से मिल जाता है ताज कुछ लोगो को,
पर इनकी शरारतों ने ना जाने कितने ताज chinwane ,
गवाह है इतिहास इस बात का सदियों से मेरे यारो,
हर लड़ाई में ये हसिनाए सबसे बड़ा कारण कहलाई,

aaj tak maine dekho sach bolaa to hameshaa mili gaaliyaan
aaj dekho kitnaa jhoot bola aur sab ladkiyaan bajaa rahi hai taaliyaan



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